आज तक

आज तक

वो खुद को खुद से मिला ना पाया

मुस्कुरा कर भी वो मुस्कुरा न पाया

आज बन्द करके बैठा है खुद को

जैसे ..वो कुछ छुपा रहा हो

कहानियाँ बनने से पहले,

उसके खत्म होने का जैसे डर सता रहा हो

टूट कर बिखर चुका है वो अब



लगता है कि…

खोने से ज्यादा वो किसी के होने से घबरा रहा हो !!

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