तेरे बिना ये घर कहां घर लगता है
तू नहीं है यहां, तो मुझे डर लगता है,
अब तो सूना सूना जिन्दगी का सफर लगता है
तेरे बिना ये घर कहां घर लगता है!
तुझसे लड़ाई करके तुझे परेशान करती थी
मां मैं सचमुच तुमसे बहुत झगड़ती थी
ये सब ज्यादा लाड प्यार का असर लगता है
तेरे बिना ये घर कहां घर लगता है!
दिखाती नहीं पर हर पल मेरी चिंता तुझे सताती थी
मेरे बीमार होने पर मां,तू भी तो घबराती थी
अब तो मुझे मुश्किल ये डगर लगता है
तेरे बिना ये घर कहां घर लगता है
अब से जो तुम कहोगी वो करूंगी मैं
अपनी गलतियों की सज़ा भी सहूंगी मैं
क्योंकि तेरे साथ ही अच्छा ये पहर लगता है
तेरे बिना ये घर कहां घर लगता है!
कब आओगी मां, हमें हर दिन तेरा इंतजार रहता है
अभी हिम्मत रखनी है, ये आंख का हर आंसू कहता है
तू नहीं है तो इस हंसी में भी जहर लगता है
तेरे बिना ये घर कहां घर लगता है!
नासमझ थी तेरी बेटी, तेरा दर्द नहीं समझ पाई
तुम बिन मैं कुछ भी नहीं, ये बात अब समझ आई
आओ जल्दी मुझे यहां सब कहर लगता है
तेरे बिना मां, ये घर कहां घर लगता है!!
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